Friday, December 30, 2016

प्रश्न: मैं आत्महत्या करना चाहता हूँ

Osho: तो  पहले  संन्यास  ले  लो . और  तुम्हे  आत्महत्या  करने  की  ज़रुरत  नहीं  पड़ेगी , क्योंकि  संन्यास   लेने  से  बढ़  कर  कोई  आत्महत्या  नही  है . और  किसी  को  आत्महत्या  क्यों  करनी  चाहिए ? मौत  तो  खुद  बखुद  आ  रही  है —तुम  इतनी  जल्दबाजी  में  क्यों  हो ? मौत  आएगी , वो  हमेशा  आती  है . तुम्हारे  ना  चाहते  हुए  भी   वो  आती  है . तुम्हे  उसे  जाकर  मिलने  की  ज़रुरत  नहीं  है , वो  अपने  आप  आ  जाती  है .पर  तुम  अपने  जीवन  को  बुरी  तरह  से  miss करोगे .  तुम  क्रोध , या  चिंता  की  वजह  से  suicide करना  चाहते  हो . मैं  तुम्हे   real suicide सिखाऊंगा . एक  सन्यासी  बन  जाओ .

और  ordinary suicide करने  से  कुछ  ख़ास  नहीं  होने  वाला  है . , आप  तुरंत  ही  किसी  और  कोख  में  कहीं  और  पैदा  हो  जाओगे . कुछ  बेवकूफ  लोग  कहीं  प्यार  कर  रहे  होंगे , याद  रखो ..तुम  फिर  फंस  जाओगे .. तुम  इतनी  आसानी  से  नहीं  निकल  सकते —बौहुत   सारे  बेवकूफ  हैं . इस शरीर से  निकलने  से  पहले  तुम  किसी   और  जाल  में  फंस  जाओगे . और  एक  बार  फिर  तुम्हे  school., college , university जाना  पड़ेगा – जरा  उसके  बारे  में  सोचो . उन  सभी  कष्ट  भरे  अनुभवों  के  बारे  में  सोचो — वो  तुम्हे  sucide करने  से  रोकेगा .

तुम  जानते  हो , Indians इतनी  आसानी  से  suicide नहीं  करते , क्योंकि  वो  जानते  हैं  कि  वो  फिर  पैदा  हो  जायेंगे , West में  suicide और  suicidal ideas exist करते  हैं ; बहुत  लोग  suicide करते  हैं , और  psychoanalyst कहते  हैं  कि  बहुत  कम  लोग  होते  हैं  जो  ऐसा  करने  का  नहीं  सोचते  हैं .  दरअसल  एक  आदमी  ने  investigate कर  के  कुछ  data इकठ्ठा  किया  था , और  उसका  कहना  है  कि – हर  एक  व्यक्ति  अपने  जीवन  में  कम  से  कम 4 बार  suicide करने  को  सोचता  है . पर  ये  West की  बात  है , East में  , चूँकि  लोग  पुनर्जन्म  के  बारे  में  जानते  हैं  इसलिए  कोई  suicide नहीं  करना  चाहता  है – फायदा  क्या  है ? तुम  एक  दरवाज़े  से  निकलते  हो  और  किसी  और  दरवाजे  से  फिर  अन्दर  आ  जाते  हो .  तुम  इतनी  आसानी  से  नहीं  जा  सकते .

मैं  तुम्हे  असली  आत्महत्या  करना  सिखाऊंगा , तुम  हमेशा  के  लिए  जा  सकते  हो . इसी  का  मतलब  है  बुद्ध  बनना – हमेशा  के  लिए  चले  जाना .

तुम  suicide क्यों  करना  चाहते  हो ? शायद  तुम  जैसा  चाहते  थे  life वैसी  नहीं  चल  रही  है ? पर  तुम  ज़िन्दगी  पर  अपना  तरीका , अपनी  इच्छा  थोपने  वाले  होते  कौन  हो ? हो  सकता  है  तुम्हारी  इच्छाएं  पूरी  ना हुई  हों ?  तो  खुद  को  क्यों  ख़तम  करते  हो  अपनी  इच्छाओं  को  ख़तम  करो .हो  सकता  है  तुम्हारी  expectations पूरी  ना  हुई  हों , और  तुम  frustrated feel कर  रहे  हो . जब  इंसान  frustration में  होता  है  तो  वो  destroy करना  चाहता  है . और  तब केवल  दो संभावनाएं  होती  हैं —या  तो  किसी  और  को  मारो  या  खुद  को . किसी  और  को  मारना  खतरनाक  है  , इसलिए  लोग  खुद  को  मारने का  सोचने  लगते  हैं . लेकिन  ये  भी  तो  एक  murder है !!  तो  क्यों  ना  ज़िन्दगी को  ख़तम  करने  की  बजाये  उसे  बदल  दें !!!

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