Monday, December 5, 2016

रोज नये होते चले जाओ.....!

एक बात सदा ध्यान रहे कि तुम रोज नए होते चले जाओ। एक बात सदा ध्यान रहे कि तुम्हारे ऊपर जंग इकट्ठी न हो, विचारों की धूल न जमे, शास्त्र तुम्हारे ऊपर बोझिल न हों, तुम मुक्त रहो।
     
जो मुक्त है वही मोक्ष पा सकेगा। और मुक्त होने का अर्थ सब दिशाओं में मुक्त होना है। तुम सोचते हो कि मोक्ष मिल जाएगा अगर हम जीवन को व्यवस्था दे दें, तो तुम गलती में हो। तुम्हारी व्यवस्था तुम्हारा कारागृह बनेगी; सुरक्षित रहोगे तुम, लेकिन मर चुके होओगे।
     
तो जिसे चुनना हो, चुनाव सुरक्षा—असुरक्षा के बीच नहीं है, चुनाव सुरक्षा और जीवन के बीच है। सुरक्षा चुनी तो मौत चुनी। अगर जीवन को चुनना हो तो असुरक्षा चुननी पड़ेगी।
     
असुरक्षा का अर्थ है : हम रोज तैयार हैं। पता नहीं क्या होगा, पता नहीं कहां होंगे, पता नहीं कैसे होंगे! लेकिन अभी से फिक्र भी क्या करें! जब वह घड़ी आएगी, तब हम —होंगे और हम अपने पूरे जीवन से उस घड़ी का मुकाबला करेंगे; अपने पूरे जीवन से, अपने पूरे होश से उस घड़ी को सुलझाने की चेष्टा करेंगे, उस घड़ी के पार होने की चेष्टा करेंगे, अतिक्रमण जारी रहेगा। तब तुम एक दिन पाओगे कि यह सातत्य नए होने का, यही चिरजीवन है, यही शाश्वत जीवन है। एस धम्मो सनंतनो!

OSHO - एस धम्मो सनंतनो

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