Sunday, February 19, 2017

प्रार्थना के नाम पर तुम कुछ मांगना मत।

प्रार्थना के नाम पर तुम कुछ मांगना मत।
तुम किसी अधूरी वासना को पूरा करने की आकांक्षा मत करना।
वही तो लोग करते है, प्रार्थना नहीं करते है, भिखमंगापन उनकी प्रार्थना में प्रगट होता है।
यह मिल जाए, वह मिल जाए, ऐसा हो जाए, वैसा हो जाए, अगर तुमने कुछ भी मांगा, तो तुमने प्रार्थना गंदी की, अपवित्र की, तुमने अपनी प्रार्थना में वासना को जोड़ी की, तुमने प्रार्थना के पंख काट दिए और प्रार्थना के गले में पत्थर बांध दिये।
वह पक्षी फिर उड़ेगा नहीं, यही तड़पेगा, यही गिरेगा, यही मरेगा, इतना ख्याल रखना की, प्रार्थना में मांग न हो, कुछ भी मत मांगना। परमात्मा को भी मत मांगना, क्योंकि मांग तो बस मांग है, मांगा की चुके। 

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